इस चिकित्सा पद्धति के माध्यम से दवा के उपयोग को कम किया जा सकता है।

घुटनों तथा मांसपेशियों के दर्द के निवारण में यह पद्धति बहुत ही उपयोगी सिद्ध होती है।

कुछ विशेष परिस्थिति में सर्जरी  से बचने के लिए फिजिओथेरपी पद्धति बहुत ही उपयोगी होती है।

फेफड़ों की क्षमता बढ़ाने में यह पद्धति बहुत ही उपयोगी होती है।

फिजियोथेरेपी से शारीरिक  फिटनेस को बरकरार रखा जा सकता है।

लकवा तथा स्ट्रोक जैसी स्थिति से  उबरने के लिए फिजिओथेरपी पद्धति बहुत ही लाभकारी सिद्ध होती है।

खेल से संबंधित चोट का प्रबंधन करने में यह पद्धति उपयोगी सिद्ध होती है।

शारीरिक  संतुलन तथा  शारीरिक मुद्रा को बेहतर बनाने के लिए यह चिकित्सा पद्धति उपयोगी है।