वट पूर्णिमा व्रत दक्षिण भारत में एक प्रचलित त्योहार के रूप में मनाया जाता है।

इस त्यौहार के दिन महिलाएं बरगद के वृक्ष की पूजा अर्चना करके अपने पति के उत्तम स्वास्थ्य और लंबी आयु की कामना करती हैं|।|

ऐसी मान्यता है कि बरगद के वृक्ष में त्रिदेव यानी ब्रह्मा विष्णु और महेश वास करते हैं।

वट वृक्ष की पूजा करने से घर में धन- संपदा से जुड़ी हर एक परेशानी दूर हो जाती है।

इस त्यौहार के दिन सभी महिलाएं वटवृक्ष के चारों तरफ सूत लपेटती  है और जल, हल्दी ,रोली और कुमकुम अर्पित करती है।

ऐसी मान्यता है कि इस व्रत के दिन काले, निली और सफेद रंग की चूड़ियां नहीं पहननी चाहिए।

इस व्रत के दिन सभी महिलाएं कथा का पाठ करती हैं तथा ऐसा करने से उन्हें अखंड सौभाग्य का आशीर्वाद प्राप्त होता है।

बरगद के वृक्ष की पूजा अर्चना करने से माता प्रसन्न होती है और घर में हर प्रकार की परेशानी दूर हो जाती है।