REPUBLIC DAY|26 जनवरी गणतंत्र दिवस ,भाषण ,निबंध

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प्यारे बच्चों और साथियों आज के लेख के अंतर्गत हम यह  जानकारी प्राप्त करेंगे कि हर वर्ष 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस (REPUBLIC DAY) क्यों मनाया जाता है?, साथ ही  साथ यह भी जानने की कोशिश करेगे कि गणतंत्र दिवस मनाने के पीछे का इतिहास क्या है और उसका महत्व क्या है?

🔆 प्रस्तावना(REPUBLIC DAY, गणतंत्र दिवस )

कई वर्षों तक हमारा भारत देश अंग्रेजों का गुलाम बना रहा। अंग्रेजों ने कम से कम 200 वर्ष से अधिक समय तक भारत देश पर राज्य किया। अंग्रेजों से आजादी पाने के लिए देश ने कई बलिदान दिए। 15 अगस्त 1947  ही वह पावन दिन है जिस दिन हमारा भारत देश अंग्रेजों की गुलामी से मुक्त हुआ। परंतु हमारी स्वतंत्रता अभी अधूरी थी क्योंकि देश को अभी पूर्ण गणतंत्र घोषित करना बाकी था। जिस दिन भारत को पूर्ण गणतंत्र देश घोषित किया गया और भारतीय संविधान निर्माताओं द्वारा बनाया गया संविधान लागू किया गया वह दिन 26 जनवरी 1950 ई. था।

🔆 गणतंत्र दिवस मनाने के पीछे का इतिहास

जैसा कि हम सब जानते हैं कि 15 अगस्त 1947 को हमारा भारत  देश अंग्रेजों की गुलामी से मुक्त हुआ। देश की आजादी के बाद 28 अगस्त 1947 को एक कमेटी की स्थापना  की गई जिसका उद्देश्य  था देश का संविधान बनाना। इस कमेटी की अध्यक्षता डॉ. भीमराव बाबासाहेब आंबेडकर कर रहे थे। देश का संविधान बनाने का पूरा कार्य बाबासाहेब आंबेडकर को सौंपा गया। इस प्रकार उनके अथक प्रयासों द्वारा 2 वर्ष 11 महीने और 18 दिन में संविधान बनकर तैयार हो गया और आखिरकार वह दिन या घड़ी आ ही गई जो 26 जनवरी 1950 के नाम से जानी जाती है

इसी दिन भारत का संविधान पूरी तरह से तैयार हुआ तथा सदन में पारित करके देश को सौंप दिया गया। बाबासाहेब  अंबेडकर द्वारा निर्मित भारतीय संविधान में 22 भाग ,7 अनुसूचियां तथा 395 अनुच्छेद है। संविधान में स्पष्ट किया गया है कि भारत समस्त राज्यों का एक संघ होगा। शुरुआत में यह संविधान दो भाषाओं  (हिंदी और अंग्रेजी) में  पारित किया गया।

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🔆 स्कूलों और कॉलेजों में किस प्रकार मनाया जाता है गणतंत्र दिवस

26 जनवरी या  गणतंत्र दिवस एक राष्ट्रीय पर्व के रूप में भी जाना जाता है। इस दिन स्कूलों में, कॉलेज में, तथा सरकारी कार्यालय में गणतंत्र दिवस बड़ी धूमधाम के साथ मनाया जाता है। हर जगह 26 जनवरी को भारत देश का झंडा फहराया जाता है और काफी सारे कार्यक्रमो का आयोजन भी किया जाता है। ध्वजारोहण के समय ,’जन गण मन अधिनायक   …. राष्ट्रगान भी गाया  जाता है। स्कूलों और कॉलेजों में निबंध स्पर्धा, गायन, कविता वाचन तथा नाटिका जैसे कार्यक्रमों का भी आयोजन भी किया जाता है।

🔆 देश में गणतंत्र दिवस का समारोह

गणतंत्र दिवस का कार्यक्रम, देश की राजधानी दिल्ली में एक विशेष रूप से आयोजित की जाती है। इस कार्यक्रम में सम्मिलित होने के लिए एक विशेष अतिथि को विदेश से बुलाया जाता है। कार्यक्रम की शुरुआत राष्ट्रपति द्वारा ध्वजारोहण और राष्ट्रगान के साथ की जाती है। इस अवसर पर हमारी सेना के तीनों अंगों(जल थल, वायु )की परेड होती है। राष्ट्रपति परेड को सलामी देते हैं। यह परेड सामान्यतः विजय चौक से शुरू होती है और इंडिया गेट पर जाकर खत्म हो जाती है। इस समारोह में देश के विभिन्न प्रदेशों के कलाकार अपने-अपने सांस्कृतिक कार्यक्रमों को प्रस्तुत करते हैं।

विदेशी मेहमानों की उपस्थिति में इस समारोह की शोभा और भी बढ़ जाती है। इन सभी कार्यक्रमों के अलावा अत्याधुनिक हथियारों और टैंको  का भी प्रदर्शन सेना द्वारा किया जाता है जो कि हमारी राष्ट्रीय शक्ति का प्रतीक है। इसके साथ विभिन्न राज्यों द्वारा झांकियां तथा मार्च भी निकाले जाते हैं। पूरा परिसर जन गण मन से गूंज उठता है।

🔆 निष्कर्ष

सचमुच 26 जनवरी हमारा महत्वपूर्ण राष्ट्रीय त्योहार है । यह भारत के गणतंत्र का प्रतीक है। यह प्रजातंत्र भारत के गौरव और स्वाभिमान का पावन दिवस है। अंत में यही कहना चाहूंगा कि भारत का यह राष्ट्रीय पर्व हमें यह याद दिलाता है कि हमें यह स्वतंत्रता हमारे स्वतंत्रता सेनानियों  के  बलिदानों के बाद प्राप्त हुई है।

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