मित्रों आज हम अलग अलग नाम से प्रचलित मकर संक्रांति का त्योहार(MAKAR SANKRANTI KA TYOHAR),के बारे विस्तृत जानकारी प्राप्त करेगे |
भारत देश में जिस प्रकार अलग-अलग धर्म और संप्रदाय के लोग रहते हैं उसी प्रकार यहां पर अलग-अलग त्योहारों को मनाने का प्रचलन भी है। मकर संक्रांति का त्योहार हिंदुओं का एक प्रमुख त्योहार माना जाता है।इस दिन से खरवास समाप्त हो जाता है |यह हिन्दुओ के नये वर्ष के शुरुवात के रूप मे जाना जाता है |
Table of Contents
🔆 मकर संक्रांति का त्योहार कब मनाया जाता है(MAKAR SANKRANTI KA TYOHAR KAB MANAYA JATA HAI)
यह त्योहार प्रत्येक वर्ष जनवरी महीने में 14 या 15 तारीख को बड़ी धूमधाम के साथ मनाया जाता है।
🔆 मकर संक्रांति का त्योहार क्यों मनाया जाता है(MAKAR SANKRANTI KA TYOHAR KYO MANAYA JATA HAI)
प्राचीन मान्यताओं तथा हिंदू कैलेंडर के अनुसार जब सूर्य दक्षिणायन से उत्तरायण की ओर मकर रेखा में प्रवेश करता है तब मकर संक्रांति का त्योहार मनाया जाता है। मकर संक्रांति वाले दिन रात छोटी कथा दिन बड़े होते हैं। जबकि कर्क में सूर्य के प्रवेश से रात बड़ी और दिन छोटा हो जाता है।
🔆 मकर सक्रांति के कौन-कौन से अलग नाम है(MAKAR SANKRANTI KE KAUN KAUN SE ALAG NAM HAI)
इस त्योहार को उत्तर प्रदेश ,मध्य प्रदेश, पश्चिम बंगाल, बिहार तथा पंजाब जैसे प्रांतों में विशेष रूप से मनाया जाता है । मान्यताओं के अनुसार यह त्योहार असम में बिहू , तमिलनाडु में पोंगल, तथा पंजाब में लोहड़ी के नाम से भी जाना जाता है।
🔆 मकर संक्रांति का त्योहार कैसे मनाया जाता है(MAKAR SANKRANTI KA TYOHAR KAISE MANAYA JATA HAI)
आध्यात्मिक दृष्टि से देखा जाए तो यह दिन बहुत ही शुभ माना जाता है। इस दिन लोग पवित्र नदी जैसे गंगा में स्नान करके सूर्य भगवान की पूजा- अर्चना करते हैं। मान्यता तो ऐसी है की पूजा अर्चना करने से लोगों के पाप धुल जाते हैं। इस दिन लोग दान भी करते हैं। इस दिन पतंग उड़ाने की प्रथा बहुत ही प्रचलित है। बच्चे आकाश में पतंग उड़ाते हैं तथा एक दूसरे की पतंग को काटते है। बच्चे कटी हुई पतंग को पकड़ने का आनंद उठाते है।
🔆 मकर संक्रांति के दिन क्या खाया जाता है(MAKAR SANKRANTI KE DIN KYA KHAYA JATA HAI)
इस दिन तिल और गुड़ से बनी हुई चीजों को खाया जाता है। दिन विशेष रूप से लोगों के घर में खिचड़ी बनाया जाता है। खिचड़ी हिंदुओं में एक शुद्ध और शुभ भोजन के रूप में जानी जाती है।

🔆 मकर संक्रांति पूजा से होने वाले लाभ(MAKAR SANKRANTI POOJA SE HONE WALE LABH)
👉 आध्यात्मिक भावना के कारण मन शुद्ध होता है।
👉 इस पूजा के करने से विचारों में परिवर्तन होता है।
👉 सामाजिक द्वेष तथा ईश्या जैसी भावनाएं मन से दूर हो जाती है।
👉 दान तथा पुण्य जैसी भावनाएं मन में विकसित होती है।
🔆 मकर सक्रांति 2022 के दिन शुभ मूहर्त(SHUBH MUHURT)
इस वर्ष मकर संक्रांति 14 जनवरी को मनाई जाएगी।
शुभ मुहूर्त दोपहर 02:43 बजे से 05:45 बजे के बीच है। जो कुल 3 घंटे 02 मिनिट हैं।
🔆 अपनी राशि के अनुसार निम्न वस्तुओं का दान करें(RASHI KE ANUSAR DAN KARE)
मिथुन- इस राशि के जातकों को मकर संक्रांति वाले दिन जरूरतमंदों को खिचड़ी, सरसों ,उड़द तिल तथा तेल इत्यादि जैसी वस्तुओं का दान करना चाहिए।
कर्क- इस राशि के जातकों को पीला कपड़ा ,साबुन, हल्दी, चावल तथा खिचड़ी जैसी वस्तुओं का दान करना चाहिए।
मेष- इस राशि के जातको को मिठाई, दाल, खिचड़ी ,चावल और ऊनी वस्त्र का दान करना शुभ माना जाता है।
तुला- इस राशि के जातकों को फल, खिचड़ी कपड़े जैसी इत्यादि वस्तुओं का दान करना शुभ माना जाता है।
सिंह- इस राशि वाले व्यक्ति मसूर ,लाल कपड़ा ,खिचड़ी जैसी वस्तुओं का दान कर सकते हैं।
कन्या-इस कन्या राशि वाले व्यक्ति मकर संक्रांति के दिन खिचड़ी, मूंगफली ,हरे कपड़े तथा साबुन इत्यादि वस्तुओं का दान कर सकते हैं।
कर्क- इस राशि के जातक साबुन, हल्दी, फल, खिचड़ी, पीला कपड़ा ,चने की दाल इत्यादि वस्तुएं दान कर सकते हैं।
नोट –ऊपर दी गई जानकारी धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित है इसका कोई भी वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है। इसे एक जानकारी के रूप में प्रस्तुत किया गया है।
🔆 निष्कर्ष –
इस प्रकार देखा जाए तो मकर संक्रांति का त्योहार लोगों में हर्ष तथा उल्लास पैदा करने वाला त्योहार माना जाता है। इस त्योहार का उद्देश्य आपसी भाईचारा, एकता और खुशियों को बांटना है। संतो, गरीबों तथा जरूरतमंदों को दान करने से घर में खुशियां बढ़ती है।
⚫ डॉ. ए .पी. जे अब्दुल कलाम की जीवनकथा
मकर संक्रांति में किस चीज का भोग लगता है?
👉 तिल और गुड़ का
मकर संक्रांति में किसकी पूजा की जाती है?
👉 भगवान सूर्य की