Table of Contents
हरतालिका तीज, शुभ मूहर्त, पूजा विधि,पूजा सामग्री, व्रत करने के नियम,तीज का महत्व, शुभकामनाएं
हरतालिका तीज व्रत का त्यौहार अक्सर सुहागिन महिलाएं मनाती है। यह त्यौहार अक्सर अखंड सौभाग्य का वरदान प्राप्त करने के लिए मनाया जाता है। हरतालिका तीज व्रत में महिलाएं दिनभर निर्जला व्रत रखती हैं। इस दिन सुहागिन महिलाएं विशेष रूप से भगवान शिव, माता पार्वती, भगवान गणेश और कार्तिकेय की पूजा करती हैं।
हरतालिका पूजा शुभ मुहूर्त 2022
इस त्यौहार को उत्तर भारत में तीज के नाम से भी जाना जाता है। हरतालिका तीज के शुभ मुहूर्त की बात की जाए तो 30 अगस्त को सुबह 6:05 से लेकर 8:38 तक है। यदि शास्त्र की बात मानी जाए तो हरतालिका तीज की पूजा प्रदोष काल में शुभ मानी जाती है। शास्त्रों के अनुसार सूर्यास्त के बाद तीन मुहूर्त को प्रदोष काल कहा जाता है। प्रदोष काल की शुरुआत 30 अगस्त को शाम 6:33 से लेकर रात 8:51 बजकर तक रहेगा।
हरतालिका तीज व्रत करने के नियम
यह त्यौहार विशेष रूप से निर्जला व्रत के रूप में जाना जाता है। अर्थात इस व्रत को अनुसरण करने वाली महिलाओं को दिन भर बिना जल पिए व्रत रखना पड़ता है। साथ ही साथ ऐसी महिलाएं जो पहली बार इस व्रत को कर रही हैं उन्हें विशेष रूप से ध्यान देना पड़ता है कि किसी भी परिस्थिति में इस व्रत को बीच में ना छोड़े। रात्रि के समय मंत्र और कथा का पाठ भी करना चाहिए। इस व्रत के दौरान जिन महिलाओं को पीरियड आ जाता है वह महिलाएं किसी भी स्थिति में भगवान की मूर्ति और पूजा सामग्री को न छुएं बल्कि दूर रहकर वे कथा आदि सुने।
हरतालिका पूजा विधि
-इस व्रत के दिन सबसे पहले सुहागिन महिलाओं को भगवान शिव ,माता पार्वती ,भगवान गणेश पुत्र कार्तिकेय और नंदी की बालू और काली मिट्टी का इस्तेमाल करते हुए अपने हाथों से प्रतिमा बनाना चाहिए।
– पूजा स्थल की साफ सफाई करना अति अनिवार्य है।
-पूजा स्थल की साफ सफाई करने के बाद वहां पर चौकी रखें ।चौकी को माला फूल और केले के पत्तों से सजाएं।
-इसके बाद चौकी में शिव परिवार की प्रतिमा स्थापित करें।
-शास्त्रों के अनुसार हरितालिका व्रत का पूजन प्रदोष काल में किया जाता है। सूर्यास्त के बाद का समय प्रदोष काल के नाम से जाना जाता है।
-इसके बाद सभी देवताओं का आवाहन करते हुए सबसे पहले भगवान गणेश की आराधना करते हुए भगवान शिव, माता पार्वती और भगवान गणेश और कार्तिकेय का पूजन करें।
-इसके बाद भगवान शिव को चढ़ाए जाने वाली सामग्री को अर्पित करें।
-इसके बाद माता पार्वती को सुहाग की सभी चीजों को अर्पित करें।
-पूजा करने के बाद भगवान शिव और माता पार्वती की आरती करें।
-रात के समय हरतालिका तीज व्रत की कथा सुने और जागरण करें।

हरतालिका पूजा थाली की जरूरी सामग्री
इस पूजा में भगवान शिव और माता पार्वती के लिए पूजा के लिए विशेष पूजा सामग्री का होना बहुत ही जरूरी होता है। हरितालिका पर्व में भगवान शिव की पूजा करने के लिए धतूरे का फूल ,बेलपत्र , गुलाल ,चंदन ,कलावा ,मंजरी ,इत्र ,पांच फल , घी,सुपारी ,अक्षत ,धूप ,दीप, कपूर, गंगाजल ,दूरवा और जनेऊ आदि अर्पित किया जाता है। माता पार्वती को श्रृंगार की सभी चीजों को चढ़ाया जाता है जैसे बिंदी ,कुमकुम ,मेहंदी ,काजल ,चूड़ी कंघी, महावर, सिंदूर बिछिया, इत्यादि।
हरतालिका तीज व्रत का महत्व
-सुहागिन महिलाएं इस व्रत को पति की लंबी आयु का आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए रखती है।
-इस व्रत को रखने से घर में सुख शांति और ऐश्वर्य की प्राप्ति होती है।
-इस व्रत को करने से भगवान शिव और माता पार्वती अति प्रसन्न होती है।
हरतालिका तीज की हार्दिक शुभकामनाएं
हरतालिका तीज का त्यौहार है,
गुझियों की बहार है,
पेड़ों पर पड़े हैं झूले,
दिलों में सबके प्यार है,
हरतालिका तीज की हार्दिक शुभकामनाएं।
तीज का त्यौहार आपके जीवन में खुशियां लेकर आए,
जीवन साथी और बच्चों के लिए सेहत का वरदान लाए,
हरतालिका तीज की हार्दिक शुभकामनाएं।
आया रे आया हरतालिका तीज का त्योंहार,
संग में खुशियां और ढेर सारा प्यार,
हरियाली तीज की हार्दिक बधाई
तीज है उमंगों का त्यौहार,
फूल खिले हैं बागों में बारिश की है फुहार,
दिल से आप सबको हो मुबारक प्यार ये तीज का त्यौहार ।
कर लो सोलह सिंगार सखी हो जाओ तुम तैयार,
हाथों में मेहंदी रचाओ सब मिलकर गीत गाओ इस बार,
हरियाली तीज की हार्दिक शुभकामनाएं
जाने कितने दिनों तक VAILID रहता है आपका आधार कार्ड
शरीर मे खून की कमी को बढ़ाने के उपाय