DURGA PUJA | नवरात्रि 2022

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आज हम हिंदुओ मे प्रचलित दुर्गा पुजा मनाने के  पीछे के कारण के बारे मे जानकारी लेगे|

 

 

प्रस्तावना

पश्चिम बंगाल के साथ-साथ भारत के हर कोने में मनाए जाने वाला ,दुर्गा पूजा हिंदुओं के सभी त्योहारों में से एक प्रमुख त्योहार के रूप में जाना जाता है। 9 दिन तक चलने वाले इस त्योहार को नवरात्र या नवरात्रि के नाम से भी जाना जाता है। यह त्योहार हर वर्ष आश्विन महीने में आता है। 9 दिन तक चलने वाले इस त्योहार में देवी दुर्गा के अलग-अलग रूपों की पूजा- अर्चना की जाती है। यह त्योहार भारतीय संस्कृति और रिती- रिवाज को जोड़ने वाला त्योहार के रूप में जाना जाता है। यह त्योहार बिहार झारखंड, आसाम ,उड़ीसा ,मणिपुर और त्रिपुरा इत्यादि राज्यों में बड़ी धूमधाम के साथ मनाया जाता है। इस त्योहार के अंतिम 4 दिन सप्तमी ,अष्टमी ,नवमी और दशमी के रूप में जाने जाते हैं।

 

आगमन व पूर्व तैयारी:

माता दुर्गा के मूर्ति आगमन के पूर्व बड़े-बड़े दुर्गा -पंडालों की साफ-सफाई और सजावट की जाती है। अलग-अलग प्रकार के रंग रोशनी द्वारा पंडालों को सजा दिया जाता है। इस दिन लोग गाते -बजाते ,माँ दुर्गा की मूर्ति को लाकर दुर्गा -पंडालों में स्थापित करते हैं। मूर्ति स्थापना के बाद हर दिन सब लोग माँ दुर्गा की पूजा बड़े धूम-धाम से करते हैं। यद्यपि यह पूजा देश के हर कोने में की जाती है, परंतु पश्चिम बंगाल में   दुर्गा पूजा को एक विशेष रूप से मनाया जाता है। दुर्गा पूजा के दौरान लोग अन्य दुर्गा मंदिरों  में जाकर पूजा- अर्चना करते हैं और माँ दुर्गे से सुखमय जीवन की कामना करते हैं। वैष्णो देवी जैसे बड़े-बड़े मंदिरों में इस दौरान बड़ी संख्या में लोग भक्तगण देवी का दर्शन करने के लिए वहाँ जाते है।

 

गरबा और डांडिया का आयोजन:

नवरात्र के दौरान देश के कुछ हिस्से जैसे गुजरात और मुंबई में रात्रि के समय गरबा और डांडिया का भी आयोजन किया जाता है। छोटे ,बड़े और बूढ़े सभी लोग इस कार्यक्रम में बढ़ -चढ़कर हिस्सा लेते हैं, और डांडिया के दौरान अच्छा नृत्य करते है। कई स्थानों पर डांडिया से संबंधित प्रतियोगिता भी रखी जाती है। अच्छा नृत्य के साथ साथ अच्छा परिधान धारण करने वाले   को पारितोषिक भी दिया जाता है।

 

माँ दुर्गा के अलग-अलग नाम:

 

शैलपुत्री

ब्रह्मचारिणी

चंद्रघंटा

कुष्मांडा

स्कंदमाता

माँ  कात्यानी

माँ कालरात्रि

माँ महागौरी

माँ सिद्धिदात्री


दुर्गा पूजा मनाने के पीछे की कहानी:

पहली कहानी के अनुसार मान्यता यह है कि महिषासुर नामक एक राक्षस राजा था जो बहुत ही शक्तिशाली था। इस राक्षस ने कई बार देवताओं पर आक्रमण किया तथा अपराजित रहा। महिषासुर नामक राक्षस को पराजित करने के लिए ब्रह्मा ,विष्णु तथा शिव जी ने एक ऐसी शक्ति का निर्माण किया जिसका नाम दुर्गा रखा गया। दुर्गा का अर्थ है 10 भुजाओं वाली तथा प्रत्येक भुजाओं में एक विशेष प्रकार का हथियार धारण करने वाली अद्भुत नारी । माँ दुर्गा तथा राक्षस महिषासुर में 10 दिनों तक भयंकर युद्ध चला। दसवें दिन माँ दुर्गा ने महिषासुर नामक राक्षस को मार गिराया। नवरात्रि का अर्थ होता है देवी और राक्षस के बीच युद्ध के 9 दिन और 9 रात से

 

एक दूसरी कहानी के अनुसार रामायण में जब भगवान राम ने देवी दुर्गा की पूजा -अर्चना करके , रावण को मारने के लिए शक्तियां अर्जित की तथा दसवे दिन रावण को मार गिराया। तभी से उस दिन को विजयादशमी दिवस के रूप में मनाया  जाता है। रावण का वध अर्थात बुराई के ऊपर अच्छाई की जीत या अधर्म के ऊपर धर्म की जीत के रूप में जाना जाता है। इस दिन को दशहरा दिन के नाम से भी जाना जाता है।

 

उत्सव की विशेषता:

10 दिन तक चलने वाले इस उत्सव को देखने के लिए विदेशों  से पर्यटक भी आते हैं। इस त्योहार के दौरान चारों तरफ एक खुशहाली का वातावरण तैयार हो जाता है। कई स्थानों पर रामलीला जैसे कार्यक्रमों का आयोजन बढ़े धूमधाम के साथ किया जाता है। श्रद्धालु गण देवी को फल ,अगरबत्ती ,मिष्ठान ,नारियल इत्यादि चढ़ाकर अपने जीवन में सुख और समृद्धि की प्रार्थना करते हैं। यह एक ऐसा त्योहार है जो लोगों में उत्साह और ऊर्जा का संचार  करने में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। इस त्योहार में उपवास रखने वाली महिलाएं 7 या 9 अविवाहित कन्याओं को भोजन खिला कर और उन्हें भेंट देकर अपने उपवास को तोड़ती है।

 

मूर्ती विसर्जन:

लोग दसवे दिन देवी की मूर्ति का विसर्जन नाच -गाने के साथ कर देते है। विसर्जन के दौरान श्रद्धालु माता से अगले वर्ष जल्दी आने की प्रार्थना और कामना करते हैं। भक्त और श्रद्धालु देवी से यही प्रार्थना करते हैं कि उनके जीवन में सुख और समृद्धि का वातावरण हमेशा इसी प्रकार बना रहे। उन्हे देवी की सेवा करने का मौका बार बार मिले।

 

निष्कर्ष :

यह त्योहार समाज में फैली हुई अनेक प्रकार की बुराइयों, अत्याचार ,तथा अनीतियों के नाश  के प्रतीक के रूप में मनाया जाता है। इस त्योहार से यह सिद्ध होता है कि हमेशा असत्य के ऊपर  सत्य की जीत होती है।

 

NAVRATRI 2021:

DAY DATE COLOUR
FIRST 7TH OCTOBER YELLOW
SECOND 8TH OCTOBER GREEN
THIRD 9TH OCTOBER GREY
FOURTH 10TH OCTOBER ORANGE
FIFTH 11TH OCTOBER WHITE
SIXTH 12TH OCTOBER RED
SEVENTH 13TH OCTOBER BLUE
EIGHTH 14TH OCTOBER PINK
NINETH 15TH OCTOBER PURPLE

 

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