आज हम रासायनिक अभिक्रिया और समीकरण इस पाठ के महत्वपूर्ण मुददों के बारे मे जानकारी प्राप्त करेगे|
संयोजकता
आयनिक बंध बनाते समय तत्वों के परमाणु या तो इलेक्ट्रॉन लेते हैं या इलेक्ट्रॉन देते हैं| इलेक्ट्रॉनों के इसी लेन देन की संख्या को संयोजकता कहते हैं।Na की संयोजकता + 1 है।
Table of Contents
यौगिक
दो या दो से अधिक तत्वों के मिलने से यौगिकों का निर्माण होता है। यौगिकों के गुणधर्म घटक तत्व के गुणधर्म से अलग होते हैं।Nacl,KBr
भौतिक परिवर्तन
इस परिवर्तन में किसी भी नए पदार्थ की निर्मिती नहीं होती है । तथा यह परिर्वतन अस्थाई होता है।
उदाहरण: बर्फ का पानी बनना।
रासायनिक परिवर्तन
इस परिवर्तन में द्रव्य का संगठन परिवर्तित हो जाता है। यह परिवर्तन स्थाई स्वरूप का होता है।उदाहरण: आम का पकना
रासायनिक अभिक्रिया
जिस अभिक्रिया में पदार्थों के रासायनिक बंधो का विभाजन होकर एक नया रासायनिक बंध तैयार होते हैं तथा एक नया पदार्थ पूर्ण रूप से बन जाता है |उस अभिक्रिया को ‘रासायनिक अभिक्रिया’ कहते हैं।
रासायनिक समीकरण
रासायनिक सूत्र की सहायता से रासायनिक अभिक्रिया की अभिव्यक्ति को ‘रासायनिक समीकरण ‘कहते हैं।
अभिकारी (अभिक्रियाकारक पदार्थ) तथा (परिणामी पदार्थ) उत्पाद
रासायनिक अभिक्रिया में भाग लेने वाले पदार्थों को अभिक्रियाकारक या अभिकारी पदार्थ कहते हैं ।तथा इसके विपरीत रासायनिक अभिक्रिया में जो पदार्थ बनता है उसे परिणामी पदार्थ या उत्पाद करते हैं। उदाहरण: कोयले के जलने से कार्बन डाइऑक्साइड तैयार होता है। इस प्रक्रिया में कोयला हवा की ऑक्सीजन के साथ संयोग करता है। इसीलिए कोयला अर्थात कार्बन व ऑक्सीजन अभिकारी पदार्थ है और तैयार हुआ कार्बन डाइऑक्साइड उत्पाद यानी परिणामी पदार्थ है।
रासायनिक समीकरण का लेखन
1) समीकरण की बाई ओरअभिक्रिया कारक पदार्थ लिखते है तथा दाहिनी ओर परिणामी पदार्थ अर्थात उत्पाद लिखते है।
2) जब दो या दो से अधिक अभिक्रिया कारक या उत्पाद हो तो इन पदार्थ के बीच मे धन (+)का चिन्ह लगाया जाता है।
3) अभिकारी पदार्थ तथा उत्पाद के बीच में तीर का संकेत बनाया जाता है।
4) जब रासायनिक अभिक्रिया में ऊष्मा दी जाती है तब ,तीर के ऊपर डेल्टा (∆)का चिन्ह बनाया जाता है।
5) कुछ रासायनिक अभिक्रिया में तापमान ,विशिष्ट दाब, उत्प्रेरक इत्यादि को दिखाने के लिए तीर के ऊपर लिखा जाता है।
6) रासायनिक अभिक्रिया में भाग लेने वाले अभिकारी पदार्थ तथा उत्पादों के लिए निम्नलिखित संकेत लिखे जाते हैं।
ठोस…….s
द्रव……l
गैस…….g
रासायनिक अभिक्रिया के प्रकार
संयोग अभिक्रिया
जिस अभिक्रिया में दो या अधिक अभिकारको का रासायनिक संयोग होकर केवल एक ही उत्पाद तैयार होता है, उस अभिक्रिया को संयोग अभिक्रिया कहते हैं।
अपघटन अभिक्रिया
जिस रासायनिक अभिक्रिया में एक ही अभिकारक से दो अथवा दो से अधिक उत्पाद प्राप्त होते हैं उस रासायनिक अभिक्रिया को अपघटन अभिक्रिया कहते हैं।
विद्युत अपघटन अभिक्रिया
जिस अभिक्रिया में अपघटन करने के लिए विद्युत धारा का उपयोग किया जाता है, उस अभिक्रिया को विद्युत अपघटन अभिक्रिया कहते हैं।
विस्थापन अभिक्रिया
जब किसी यौगिक में कम क्रियाशील तत्व के आयनो का स्थान दूसरे अधिक क्रियाशील तत्व आयन बन कर लेते हैं, तो उस रासायनिक अभिक्रिया को विस्थापन अभिक्रिया कहते हैं।
युग्म विस्थापन अभिक्रिया
जिस अभिक्रिया में अभिकारी पदार्थों के आयनों का अपने स्थानों पर परस्पर परिवर्तन (अदला – बदली) होकर अवक्षेप तैयार होता है। उस अभिक्रिया को युग्म विस्थापन अभिक्रिया कहते हैं।
ऊष्मा ग्राही अभिक्रिया
जिस रासायनिक अभिक्रिया में ऊष्मा अवशोषित की जाती है उस अभिक्रिया को ऊष्मा ग्राही अभिक्रिया कहते हैं।
ऊष्मा उन्मोची अभिक्रिया
जिस रासायनिक अभिक्रिया में ऊष्मा का उन्मोचन होता है अर्थात ऊष्मा मुक्त होती है, उस अभिक्रिया को ऊष्मा उन्मोची अभिक्रिया कहते हैं।
रासायनिक अभिक्रिया की दर
कुछ रासायनिक अभिक्रिया तीव्र गति से होती है तो कुछ रासायनिक अभिक्रिया को पूर्ण होने के लिए ज्यादा समय लगता है यानी मंद गति से होती है इसे ही रासायनिक अभिक्रिया की दर कहते हैं।
रासायनिक अभिक्रिया को प्रभावित करने वाले घटक
अभिकारकों के कणों का आकार: रासायनिक अभिक्रिया की दर अभि कारकों के कणों के आकार पर निर्भर होती है। यदि कणों का आकार छोटा होता है तो रासायनिक अभिक्रिया की दर बढ़ जाती है।
अभिकारकों का स्वरूप: रासायनिक अभिक्रिया की दर धातु के स्वरूप पर निर्भर करती है। अभिकारकों का स्वरूप या क्रियाशीलता रासायनिक अभिक्रिया की दर को प्रभावित करती है।
अभिकारकों की सांद्रता: तनु अम्ल की अपेक्षा सांद्र अम्ल की अभिक्रिया शीघ्र होती है इसीलिए अभिक्रिया की दर यह अभिकारको की सांद्रता के अनुसार बदलती है।
अभिक्रिया का तापमान: यदि किसी रासायनिक अभिक्रिया को अधिक ऊष्मा प्रदान की जाए तो रासायनिक अभिक्रिया की दर बढ़ जाती है|
उत्प्रेरक: वे पदार्थ जिनकी उपस्थिति मात्र से रासायनिक अभिक्रिया की दर परिवर्तित होती है परंतु उस पदार्थ में किसी प्रकार का रासायनिक परिवर्तन नहीं होता है ऐसे पदार्थ को उत्प्रेरक कहते हैं जो दर बढ़ा देते है।
ऑक्सीकरण और अपचयन
जिस रासायनिक अभिक्रिया में अभिकारक पदार्थों का ऑक्सीजन से संयोग होता है या जिस रासायनिक अभिक्रिया में अभिकारक पदार्थों से हाइड्रोजन निकल जाती है और उत्पाद प्राप्त होता है ऐसी अभिक्रियाओं को ऑक्सीकरण अभिक्रिया कहते हैं।
जिस रासायनिक अभिक्रिया में अभिकारक पदार्थों का हाइड्रोजन से संयोग होता है या जिस रासायनिक अभिक्रिया में अभिकारक पदार्थों से ऑक्सीजन निकल जाती है और उत्पाद प्राप्त होता है ऐसी अभिक्रियाओं को अपचयन अभिक्रिया कहते हैं।
ऑक्सीकारक
जो रासायनिक पदार्थ ऑक्सीजन उपलब्ध करके ऑक्सीकरण अभिक्रिया करते हैं उन्हें ऑक्सीकारक कहते हैं।
रिडॉक्स अभिक्रिया
जिस रासायनिक अभिक्रिया में ऑक्सीकरण तथा अपचयन दोनों एक साथ होता है उस रासायनिक अभिक्रिया को रिडॉक्स अभिक्रिया कहते हैं।
क्षरण
वातावरण में विभिन्न घटकों के कारण धातुओं का ऑक्सीकरण होता है जिस से धातुएं कमजोर हो जाती है इसे ही क्षरण कहते हैं। लोहे पर जंग लगना क्षरण का उदाहरण है।क्षरण टालने के लिए जंग अवरोधक विलयनों का उपयोग, तेल की परत लगाना, पेंट करना, जस्ते की परत चढ़ाकर अथवा दूसरी धातु का विलेपन करके हटा सकते हैं।
बदबू या विकृतगांधिता
जब तेल अथवा घी दीर्घकाल तक वैसे ही रहने दें या तैलीय पदार्थ को अधिक समय तक रहने दे तब हवा के कारण तेल तथा घी का ऑक्सीकरण होता है फल स्वरूप वे बदबूदार हो जाते हैं ।उसका स्वाद और गंध बदल जाता है इस प्रक्रिया को बदबू कहते हैं।जिस खाद्य पदार्थ में तेल और घी का उपयोग करते हैं उसमें ऑक्सीकारक अवरोधक का उपयोग किया जाता है। इस कारण ऑक्सीकरण की प्रक्रिया धीमी हो जाती है।
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