गति के नियम नोट्स,GATI KE NIYAM NOTES IN HINDI
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गतिशील पिंड और स्थिर पिंड किसे कहते हैं?
यदि कोई पिंड अपने चारों ओर के पिंडों के संदर्भ में अपना स्थान परिवर्तित कर रहा हो तो ,हम कह सकते हैं कि वह पिंड गतिशील है। यदि पिंड अपना स्थान परिवर्तित ना कर रहा हो तो, हम कहते हैं कि वह इस स्थिर है।
गति की अनुभूति कराने वाले कुछ उदाहरण(गति के नियम नोट्स)
हवा मैं उड़ने वाली घास पात
पक्षी का उड़ना
रेलगाड़ी का चलना
दूरी किसे कहते हैं। इसकी SI और CGS इकाई क्या है|
दूरी का अर्थ है दो बिंदुओं के बीच गतिशील रहने पर पिंड द्वारा प्रत्यक्ष रूप से तय किए गए मार्ग की लंबाई। इस राशि में केवल परिमाण होता है परंतु दिशा नहीं होती।SI पद्धति में दूरी की इकाई मीटर है तथा CGS पद्धति में दूरी की इकाई सेंटीमीटर है।
विस्थापन किसे कहते हैं। इसकी SI और CGS इकाई क्या है।
विस्थापन का अर्थ गतिशीलता के प्रारंभ और अंतिम बिंदु के बीच की सबसे कम दूरी है।
SI में विस्थापन की इकाई मीटर(m) तथा CGS मे सेंटीमीटर (cm) है|
सदिश तथा अदिश राशि का क्या अर्थ होता है।
ऐसी भौतिक राशि हैं जिनको परिमाण तथा दिशा दोनों के साथ दर्शाया जाता है उन्हें सदिश राशि कहते हैं। उदाहरण वेग तथा विस्थापन
ऐसी भौतिक राशियां जिन्हें केवल परिमाण द्वारा दर्शाया जाता है उन्हें आदिश राशि कहते है। उदाहरण चाल तथा समय
चाल किसे कहते हैं। इसकी SI तथा CGS प्रणाली में इकाई क्या है|
किसी पिंड द्वारा प्रति इकाई समय में तय की गई दूरी को उस पिंड की चाल कहते हैं।SI में चाल की इकाई m/s है तथा CGS में चाल की इकाई cm/s है। चाल एक अदिश भौतिक राशि होती है। हवा में ध्वनि की चाल 343.2m/s है।
वेग किसे कहते हैं।इसकी SI तथा CGS प्रणाली में इकाई क्या है|
इकाई समय में होने वाले विस्थापन को वेग कहते हैं।हैं।SI में वेग की इकाई m/s है तथा CGS में वेग की इकाई cm/s है। वेग एक सदिश भौतिक राशि होती है।
एक समान गति किसे कहते हैं।
यदि पिंड द्वारा समान समय में समान दूरी तय की जाती है तो उसकी गति को एक समान गति कहते है।
असमान गति किसे कहते हैं|
यदि पिंड समान समय में असमान दूरी तय करता है तो उसकी गति को असमान गति कहते हैं। उदाहरण भीड़ वाली रास्ते पर वाहनों की गति या साइकिल चलाने की गति
त्वरण किसे कहते हैं|
किसी पिंड का त्वरण प्रति इकाई समय में उसके वेग में होनेवाला परिवर्तन है। त्वरण में दिशा तथा परिमाण दोनो होता है।

एकसामन त्वरण तथा असमान त्वरण किसे कहते है।
यदि समान समय में वेग में समान परिवर्तन होता है तो एक समान त्वरण होता है।
यदि समान समय में वेग में असमान परिवर्तन होता है तो असमान त्वरण होता है।
धनात्मक , ऋणात्मक तथा शून्य त्वरण किसे कहते हैं।
जब किसी पिंड का वेग बढ़ता है तब त्वरण धनात्मक होता है। यहां त्वरण वेग की दिशा में होता है ।जब किसी वस्तु का वेग कम होता है तब त्वरण ऋणात्मक होता है । ऋणात्मक त्वरण को मंदन कहते है। वेग स्थिर रहने पर त्वरण शून्य होता है।
एक समान वृत्तीय गति किसे कहते है।
जब कोई पिंड एक समान चाल से वृत्ताकार पथ पर जाता है, तब उस गति को एक समान वृत्तीय गति कहते हैं। जैसे साइकिल के पहिए के किसी भी बिंदु की गति
न्यूटन का गति संबंधी पहला नियम
प्रत्येक अचेतन पिंड अपनी स्थिर अवस्था अथवा सरल रेखा में एक समान गतिशील अवस्था में बना रहता है जब तक उस पिंड पर कोई बाहरी असंतुलित बल न लगाया जाए।
न्यूटन का गति संबंधी दूसरा नियम
किसी पिंड के संवेग परिवर्तन की दर उस पिंड पर आरोपित असंतुलित बल के समानुपाती एवं संवेग में होनेवाले परिर्वतन बल की दिशा में होता है।
न्यूटन का गति संबंधी तीसरा नियम
प्रत्येक क्रिया बल के लिए समान परिमाण वाले और उसी समय प्रयुक्त होने वाले प्रतिक्रिया बल का अस्तित्व होता है और उनकी दिशा परस्पर विपरीत होती है।
संवेग किसे कहते है।
पिंड के वेग और द्रव्यमान के गुणनफल को संवेग कहते है। संवेग एक सदिश राशि है।
संवेग की अविनाशिता का नियम
दो पिंडो की अन्योन्य क्रिया होते समय यदि उन पर कोई बाहरी बल क्रियाशील ना हो तो उनका कुल संवेग स्थिर रहता है, वह बदलता नहीं है।
⚫English Speaking Course first day
⚫Future indefinite tense and future continuous tense
⚫Future perfect tense and future perfect continuous tence
⚫Past indefinite tense and past continuous tence
⚫Past perfect tense and past perfect continuous tence
⚫Present indefinite tense and present continuous tense
⚫Present perfect tense and present perfect continuous tence